Question 1: सोनजूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?
उत्तर: सोनजूही में लगी पीली कली को देख लेखिका को गिल्लू की याद आ गई। गिल्लू एक गिलहरी थी जिसकी जान लेखिका ने बचाई थी। उसके बाद से गिल्लू का पूरा जीवन लेखिका के साथ ही बीता था।
Question 2: पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?
उत्तर: हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पितरपक्ष के समय हमारे पूर्वज कौवे के भेष में आते हैं। एक अन्य मान्यता है कि जब कौवा काँव काँव करता है तो इसका मतलब होता है कि घर में कोई मेहमान आने वाला है। इन कारणों से कौवे को सम्मान दिया जाता है। लेकिन दूसरी ओर, कौवे के काँव काँव करने को अशुभ भी माना जाता है। इसलिए कौवे को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी कहा गया है।
Question 3: गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?
उत्तर: गिलहरी के घायल बच्चे के घाव पर लगे खून को पहले रुई के फाहे से साफ किया गया। उसके बाद उसके घाव पर पेंसिलिन का मलहम लगाया गया। उसके बाद रुई के फाहे से उसे दूध पिलाने की कोशिश की गई जो असफल रही। लगभग ढ़ाई घंटे के उपचार के बाद गिलहरी के बच्चे के मुँह में पानी की कुछ बूँदें जा सकीं।
Question 4: लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?
उत्तर: लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैरों के पास आता और फिर सर्र से परदे पर चढ़ जाता था। उसके बाद वह परदे से उतरकर लेखिका के पास आ जाता था। यह सिलसिला तब तक चलता रहता था जब तक लेखिका गिल्लू को पकड़ने के लिए दौड़ न लगा देती थीं।
Question 5: गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?उत्तर: गिल्लू अब युवावस्था में प्रवेश कर रहा था। उसे|एक जीवन साथी की जरूरत थी। इसलिए गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता समझ में आई। इसके लिए लेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना अलग करके गिल्लू के लिए बाहर जाने का रास्ता बना दिया।
Question 6: गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?
उत्तर: जब लेखिका बीमार पड़ीं तो गिल्लू उनके सिर के पास बैठा रहता था। वह अपने नन्हे पंजों से लेखिका के सिर और बाल को सहलाता रहता था। इस तरह से वह किसी परिचारिका की भूमिका निभा रहा था।
Question 7: गिल्लू कि किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?
उत्तर: गिल्लू ने दिन भर कुछ नहीं खाया था। रात में वह बहुत तकलीफ में लग रहा था। उसके बावजूद वह अपने झूले से उतरकर लेखिका के पास आ गया। गिल्लू ने अपने ठंडे पंजों से लेखिका कि अंगुली पकड़ ली और उनके हाथ से चिपक गया। इससे लेखिका को लगने लगा कि गिल्लू का अंत समय समीप ही था।
Question 8: ‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’ – का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: सुबह की पहली किरण निकलते ही गिल्लू के प्राण पखेरू उड़ गये। इस पंक्ति में लेखिका ने पुनर्जन्म की मान्यता को स्वीकार किया है। लेखिका को लगता है कि गिल्लू अपने अगले जन्म में किसी अन्य प्राणी के रूप में जन्म लेगा।
Question 9: सोनजूही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?
उत्तर: लेखिका को लगता है कि गिल्लू अपने अगले जन्म में सोनजूही के पीले फूल के रूप में आयेगा।